करोड़ों अरबों रुपए के बोर्ड और होर्डिंग हुए कचरा।

करोड़ों अरबों रुपए के बोर्ड और होर्डिंग हुए कचरा।

करोड़ों अरबों रुपए के बोर्ड और होर्डिंग हुए कचरा।

करोड़ों अरबों रुपए के बोर्ड और होर्डिंग हुए कचरा।

सरकार ने जनता का करोड़ों रुपया होर्डिंग पर बहाया,अब किसी काम न आया।

स्यांज/ गोहर 15 अक्टूबर (सुभाग सचदेवा)-:-
12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर चुनावों की घोषणा से आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग की आदेशों का पालन होना शुरू हो गया है। चुनाव आयोग द्वारा आदर्श चुनाव संहिता के मद्देनजर लगे हुए होर्डिंग बोर्ड अन्य प्रकार की प्रचार सामग्री को जिससे आचार संहिता प्रभावित हो रही हो स्थानीय प्रशासन द्वारा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है सरकार ने अपने कार्यों को अपनी योजनाओं को बड़े-बड़े होर्डिंग और बोर्ड लगाकर जनता का करोड़ों रुपया इन हार्डिंग का बोर्ड से से वजह बहाया है।  आज आदर्श चुनाव संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के चलते इन बड़े-बड़े होर्डिंग और बोर्डों को निकालने का काम शुरू हो गया है। यह करोड़ों रुपए के बोर्डिंग कचरे में तब्दील हो गए हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है सरकार ने जितना पैसा इन हार्डिंग व बोर्ड पर बहाया है कहीं यह पैसा लोगों की भलाई हॉस्पिटल निर्माण स्कूल निर्माण सड़कों के निर्माण अन्य विकास पर लगाया होता तो आज सरकार के सिर पर हजारों करोड का चढ़ा है कुछ कम होता। यह हजारों लाखों करोड़ों रुपए के होर्डिंग कचरे में तब्दील हो गए हैं जिनका आज कोई महत्व नहीं रह गया । स्थानीय  बुद्धिजीवियों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि भविष्य में इन चीजों पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने पर पाबंदी होनी चाहिए और इन चीजों पर जो पैसा खर्च किया जाता है और जनता की भलाई पर सड़क सुविधा स्वस्थ सुविधा और शिक्षा सुविधा पर खर्च किया जाए ताकि सरकार को फालतू में कर लेना पड़े और आम जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

चुनावों की घोषणा होते ही विभिन्न दलों द्वारा लगाए गए होर्डिंग वह अन्य चुनाव सामग्री को उतार कर ले जाते स्थानीय विभागीय कर्मचारी।